मुम्बई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के नेपियन सी रोड स्थित 200 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक निखिल झावेरी की बुधवार को निमोनिया से मौत हो गई। झावेरी दो साल से अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाले झावेरी के परिवार का कोई भी सदस्य उनकी मौत के वक्त साथ नहीं था। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उनके बेटे से संपर्क साधा और झावेरी के मौत की जानकारी दी।
निखिल झावेरी पिछले कई सालों से गंभीर शारीरिक और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे थे। साल 2013 में वह अचानक कांदीवली स्थित अपनी बहन के घर से अचानक गायब हो गए। बाद में उन्हें बोरीवली पुलिस थाने के पास से बरामद किया गया और किसी एनजीओ द्वारा संचालित एक आश्रम में भेज दिया गया। जनवरी 2014 में उनकी पहचान निखिल विट्ठलदास झावेरी के रूप में की गई। उसी साल अगस्त में उन्हें गिरगांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह साल 2017 तक ऐडमिट रहे।
जेजे अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि झावेरी दो साल से अस्पताल में भर्ती थे लेकिन उनके परिवार का कोई भी सदस्य उनकी देखभाल के लिए नहीं आया। उन्होंने बताया कि झावेरी का अस्पताल में तकरीबन डेढ़ लाख रुपये का बिल बकाया है।
झावेरी की संपत्तियों को लेकर उनकी पूर्व पत्नी, बेटे और उनकी बहनों के पति के बीच विवाद है। बताया गया कि झावेरी की पहली पत्नी दिप्ती पांचाल ने उनकी संपत्ति पर अपना दावा करते हुए कोर्ट नें हलफनामा दाखिल किया था। इसके बाद रेयान ने पांचाल के खिलाफ फर्जी तरीके से उनके पिता का हस्ताक्षर कर हलफनामा तैयार करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी।
इसके अलावा उन्होंने पांचाल की मदद करने के आरोप में झावेरी की तीन बहनों के पति मुरली मेहता, नितिन पारेख और शैलेश पारेख के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया। मुंबई पुलिस की इकनॉमिक ऑफेंस विंग मामले की जांच कर रही है।