छठ पूजा- सूर्यदेव की उपासना का पर्व छठ पूजा नहाय खाय के साथ शुरू

पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार में श्रद्धा के साथ मनाए जाने वाले छठ महापर्व की तैयारियां हरिद्वार में भी शुरू हो गई है। व्रतियों ने भी इस पर्व की तैयारी शुरू कर दी है। बृहस्पतिवार को यह व्रत नहाए-खाय के साथ शुरू होगा। घरों में व्रती इसकी तैयारी में जुटे हुए है। इस पर्व का मुख्य प्रसाद ठेकुआ, खजूर होता है जो आटे का बनता है। इसके लिए भी व्रतियों ने तैयारी शुरू कर दी है। दिवाली की सफाई के बाद छठ व्रत के लिए घरों की भी सफाई हुई, ताकि पूजन सामग्री का भंडारण किया जा सके। पूजा सामग्री के लिए नए बर्तन भी खरीदे जा रहे हैं। साड़ियों की दुकानों पर भी रौनक है, व्रती नई साड़ी पहनकर ही अस्तांचल सूर्य व उदय होते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। छठ पूजा सूर्य देव की उपासना का पर्व है। चार दिनों तक यह पर्व चलता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की खष्ठी को छठ पूजा अस्तांचल सूर्य को अर्घ्य देकर की जाती है। इस बार छठ महापर्व 31 अक्तूबर को नहाय-खाय से शुरू हो रहा है। पंंडितों के अनुसार, भगवान सूर्य को समर्पित इस पूजा में सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसे दुनिया के कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। व्रती दो दिनों तक निर्जला रहते हैं। कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को यह व्रत आरंभ हो रहा है। दूसरे दिन खरना होगा। पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को व्रती प्रसाद ग्रहण करेंगे। इस दिन छठ पूजा का प्रसाद व्रती अपने हाथों से बनाएंगे। मुख्य प्रसाद ठेकुआ, टिकरी बनाया जाएगा। खष्ठी को व्रती अस्तांचल सूर्य को तालाब, नदी के घाट के किनारे अर्घ्य देंगे। सप्तमी को प्रात: सूर्योदय के समय अर्घ्य देंगे व विधिवत पूजा कर प्रसाद वितरित किया जाएगा।


चार दिन की पूजा


-31 अक्तूबर को नहाय खाय के साथ पूजा शुरू होगी।


-1 नवंबर को खरना होगा।


-2 नवंबर को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।


-3 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।