नई दिल्ली। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो ने 2017 के वार्षिक आंकड़े एक साल देरी के बाद जारी किये। नए आंकड़ों के मुताबिक 2017 में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगातार तीसरे साल इजाफा हुआ है। इस मामले में सबसे ऊपर यूपी है।
रिपोर्ट में कहा गया कि हत्या के अधिकतर मामले में 'विवाद' (7898) एक बड़ा कारण था। इसके बाद 'निजी रंजिश' या 'दुश्मनी' (4660) और 'फायदे' (2103) के लिए भी हत्याएं हुईं। वर्ष 2017 में अपहरण के मामलों में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2016 में अपहरण के 88008 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2017 में 95893 मामले दर्ज किए गए थे।
आंकड़ों के मुताबिक देशभर में वर्ष 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,59,849 मामले दर्ज किए गए। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार तीसरे साल वृद्धि हुई है। 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,29,243 मामले दर्ज किए गए थे और 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज किए गए थे।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों में हत्या, बलात्कार, दहेज हत्या, आत्महत्या के लिए उकसाना, ऐसिड हमले, महिलाओं के खिलाफ क्रूरता और अपहरण आदि शामिल हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, अधिकतम मामले उत्तर प्रदेश (56,011) में दर्ज किए गए। उसके बाद महाराष्ट्र में 31,979 मामले दर्ज किए गए। आंकड़े के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 30,992, मध्य प्रदेश में 29,778, राजस्थान में 25,993 और असम में 23,082 मामले दर्ज किए गए।
जानिये- किस प्रदेश में होते है महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध