अभी और ज्यादा आंसूं निकालेगा प्याज

नई दिल्ली। प्याज की महंगाई ने राज्य सरकारों के भी आंसू निकाल दिए हैं। सप्लाई की किल्लत के चलते जहां सरकारी वेंड्स और वैन में सस्ते प्याज की बिक्री बंद हो गई है, वहीं रीटेल में इसके दाम एक बार फिर आसमान छूने लगे हैं। प्याज के सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में बारिश के चलते फसल नष्ट होने से दिल्ली की मंडियों में विदेश से आयातित और दूसरे राज्यों का प्याज आ रहा है, फिर भी यहां सप्लाई रोजाना 500 टन कम है। केंद्र सरकार ने 6090 टन प्याज आयात करने का फैसला किया है, लेकिन ट्रेडर्स को उम्मीद नहीं है कि इससे कीमतों पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा। प्याज व्यापारियों का कहना है कि फिलहाल प्याज की कीमतों में मामूली नरमी की ही उम्मीद की जा सकती है। नई फसल की पीक सप्लाई फरवरी में होगी। अगर मौसम ठीक रहा तो तब जाकर कीमतें सामान्य हो सकती हैं। हालांकि थोक के मुकाबले रीटेल कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई जा रही है। खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए एपीएमसी अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं।