देहरादून। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी की सूचना पर शासन ने न्यायिक अभिरक्षा में भेजे गए समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल निलंबित कर दिया है। शासन ने उनका उनका निलंबन बैक डेट से किया गया है निलंबन की यह कार्रवाई एसआईटी की सूचना के आधार पर की हुई है। सचिव , समाज कल्याण एल फैनई के निर्देश पर उपसचिव राजेंद्र कुमार भट्ट ने नौटियाल के उत्तरांचल सरकारी सेवक(अनुशासन एवं अपील) नियमावली के तहत निलंबन आदेश जारी किए। नौटियाल को 31 अक्टूबर से निलंबित किया गया है। एसआईटी ने नौटियाल को गिरफ्तार कर गत 31 अक्टूबर को ही हरिद्वार के सिडकुल थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज किया था। उन्हें एक नवंबर को देहरादून में जिला न्यायालय में पेश कर 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा पर जेल भेज दिया गया। सामान्य तौर पर सरकारी मुलाजिम के गिरफ्तार होने के 48 घंटे के भीतर निलंबन की कार्रवाई हो जाती है लेकिन नौटियाल के मामले में ये कार्रवाई नहीं हुई। शासन के अधिकारियों का कहना था कि एसआईटी की ओर से नौटियाल की गिरफ्तारी और उन्हें न्यायिक अभिरक्षा पर भेजे जाने को लेकर उन्हें कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई। एसआईटी के अभियोजन अधिकारी आयुष अग्रवाल ने भी शुरुआत में यही कहा कि एसआईटी की ओर से शासन को कोई सूचना नहीं भेजी जानी है। इस बीच जब मामले ने तूल पकड़ा तो अग्रवाल ने गत 15 नवंबर को शासन को छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में गिरफ्तार समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के बारे में सूचना भेज दी। इनमें संयुक्त निदेशक गीता राम नौटियाल का नाम भी शामिल है। सूचना प्राप्त होने के बाद शासन स्तर पर पहले से तैयार ड्राफ्ट के आधार पर नौटियाल के निलंबन आदेश जारी कर दिए गए। समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीता राम नौटियाल ने गत 13 नवंबर को हाईकोर्ट में जमानती प्रार्थना पत्र लगा दिया है। न्यायालय ने उनके प्रार्थना पत्र पर प्रदेश सरकार को 10 दिन में काउंटर फाइल करने के लिए कहा है। 26 नवंबर को नौटियाल की अर्जी पर सुनवाई है।
छात्रवृत्ति घोटाला: न्यायिक अभिरक्षा में भेजे गए गीताराम नौटियाल बैक डेट में निलंबित