हरिद्वार। प्याज की बढ़ती कीमतें थम नहीं रही हैं। मौजूदा हालात के लिए प्याज की जमाखोरी जिम्मेदार है। इसे देखते हुए सरकार ने जिलाधिकारियों को प्याज के स्टॉक पर छापे मारने के निर्देश दिए हैं। थोक और फुटकर विक्रेताओं के पास निर्धारित से ज्यादा प्याज मिला तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्याज के लगातार बढ़ते दाम से सरकार की पेशानी पर बल पड़े हैं। प्याज के दाम 80 रुपये से लेकर 90 रुपये प्रति किलो तक बने हुए हैं। प्याज की कीमत पर अंकुश लगाने के लिए बाजार पर नजर रखी जा रही है। अब प्याज के दाम लंबे समय से कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। उत्तराखंड सरकार को भी प्याज के दाम काबू में रखने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र के निर्देश मिलते ही राज्य सरकार ने भी आनन-फानन में प्रदेश में प्याज के कंट्रोल ऑर्डर जारी कर दिया। कंट्रोल ऑर्डर के मुताबिक थोक विक्रेता अधिकतम 500 कुंतल और फुटकर विक्रेता अधिकतम 100 कुंतल प्याज का स्टॉक ही रख सकता है। सरकार को ऐसी जानकारी मिली है कि प्याज की कीमतें कम न हों, इसे देखते हुए जमाखोरी की जा रही है। सरकार ने जिलाधिकारियों को जमाखोरों पर कार्रवाई करते हुए छापे मारने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जमाखोरी रुकने से प्याज की कीमतें कम होने में मदद मिलेगी। इसके बाद अन्य विकल्पों को भी आजमाया जाएगा। जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार प्याज की कीमतें नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय एजेंसी नैफेड के माध्यम से कदम उठा सकती है। प्याज की कालाबाजारी पर तो नजर रखी ही जा रही है।
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