हरिद्वार। हिन्दुस्तानी समाज में किसी साधु सन्यासी या बाबा द्वारा झूठ बोलना पाप माना जाता है। इस पाप के भागीदार बाबा रामदेव भी बन गए हैं। याद कीजिये 2014 के आम चुनावों में जब बाबा रामदेव नरेंद्र मोदी के समर्थन में एक अर्थशास्त्री बनकर आम भारतीयों के लिये तरह तरह की भविष्यवाणी करते जनसभाएं कर रहे थे। योग की जनसभाएं या यूं कहें नरेंद्र मोदी के समर्थन में चुनावी जनसभाओं में वे कालेधन की बड़ी बड़ी पोथियाँ दिखाकर भोली भाली जनता को गुमराह कर रहे थे। कालेधन के संदर्भ में 30 मई 2013 का एक ट्वीट भी बहुत चर्चा में रह था। ट्वीट में बाबा रामदेव ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के लिए माहौल बनाने के लिये लिखा था कि, “काला धन वापस आने पर एक-एक गाँव को विकास के लिए 200 करोड़ रुपए मिलेंगे, तो हमारा एक-एक गाँव ब्रिटेन और अमेरिका से ज्यादा बेहतर होगा।” रामदेव के इस ट्वीट को लगभग 6 साल से ज्यादा हो गए लेकिन न तो अभी तक काला धन वापस आया और न तो 200 करोड़ गावों को मिले और न ही भारत के गाँव ब्रिटेन और अमेरिका से बेहतर हुए। अलबत्ता नरेंद्र मोदी का समर्थन और नाम जपने का लाभ बाबा रामदेव को अवश्य मिल गया। केेन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद पतंजलि आयुर्वेद ने हिंदुस्तान की हर उस बड़ी कंपनी के मैनेजमेंट में खलबली पैदा कर दी जिनका सालों से भारतीय बाजार पर कब्ज़ा था। कम्पनियों को अपने प्रोडक्ट से लेकर प्रचार में बदलाव करना पड़ा। इस बीच पतंजलि का मुनाफा हजारों करोड़ में पहुँच गया। भ्रष्टाचार की वजह से यूपीए-2 की सरकार गई और विदेशों से काला धन लाने के वादे पर नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी। कालेे धन की बात करने पर बाबा रामदेव बड़े बिजनेसमैन बने। इतना ही नहीं बाबा रामदेव द्वारा इंडिया टीवी में आपकी अदालत में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए बोल रहे हैं कि अगर मोदी सरकार आई तो पेट्रोल-डीजल के दाम 40 रुपए लीटर हो जाएंगे। बहरहाल पेट्रोल डीजल के दाम भले ही कम न हुऐ लेकिन बाबा का कारोबार बढ़ता जा रहा है। आज मोदी सरकार में पेट्रोल-डीजल की 75 पार पहुँच चुकी है। बाबा रामदेव की दोनों भविष्यवाणी के मुताबिक ना तो 200 करोड़ रुपए एक-एक गाँव को मिले और ना ही पेट्रोल-डीजल के दाम 40 रुपए लीटर हुए। कुछ हुआ तो वो है बाबा रामदेव झूठे जरुर साबित हो गए।
जानिये- कैसे पाप के भागीदार बन गये बाबा रामदेव?