हरिद्वार। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सूचना विभाग जनपद हरिद्वार के तत्वावधान में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिस विचार गोष्ठी का विषय था रिपोर्टिंग-व्याख्या (इंटरप्रिटेशन) अवसर पर अमर शहीद पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी जी के चित्र पर जिला सूचना अधिकारी श्रीमती अर्चना ने माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विषय पर चर्चा करते हुए श्रीमती अर्चना ने कहा कि आज तथ्यात्मक रिपोटिंग पत्रकारिता के लिए बेहद जरूरत है। खबर लिखते वक्त घटना के तथ्यों को ध्यान में रखा जाना चाहिए और किसी भी घटना को प्रस्तुत करने में भ्रम की स्थित उत्पन्न नहीं हेानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज आधुनिक तकनीक के चलते पत्रकारिता के क्षेत्र में कई तरह के बदलाव आए हैं। इसलिए पत्रकारों को सजग रहकर पत्रकारिता करनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार पीएस चौहान ने कहा कि लोकतंत्र में स्वतंत्र पत्रकारिता का विशेष महत्व है। लोकतंत्र तभी तक कायम है जब तक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कायम है। उन्होंने केंद्र सरकार से पत्रकारिता को और अधिक जिम्मेदार बनाने के लिए मीडिया काउंसिल की स्थापना करने की मांग की। एनयूजे के प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र ने कहा कि आज पत्रकारिता में बाजार भाव हावी हो गया है। इसलिए खबरों को पेश करते वक्त पत्रकार उसमें रोचक पूर्ण सामग्री को जोड़ने की बजाय तथ्यपरक चीजें ही जोड़ें। अंग्रेजी लेखिका वरिष्ठ पत्रकार डॉ राधिका नागरथ ने कहा कि पत्रकारिता तथ्यात्मक होनी चाहिए। बढ़ा चढ़ाकर कोई भी बात प्रस्तुत नहीं की जाए ताकि खबर की मौलिकता बनी रहे। सुनील दत्त पांडेय ने कहा कि आज पत्रकारिता बाजारवाद से प्रभावित हो चुकि है। प्रत्रकारिता में इसकाा प्रभाव न आये ऐसा प्रयास होना करना चाहिए। प्रेस क्लब हरिद्वार के महामंत्री महेश पारीक ने कहा कि पत्रकारिता आज अपना ध्येय खो चुकी है। सनसनी पैदा करने के लिए पत्रकार खबरों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करते हैं। जो तथ्यात्मक पत्रकारिता के खिलाफ है। इस अवसर पर सूचना विभाग के वरिष्ठ सहायक मुकेश कुमार व मुदित अग्रवाल व अविक्षित रमन व श्रवण झा, रोहित सिखौला, विकास झा, दीपक मिश्रा, राजन सहगल, रविंद्र सिंह एमएस शाहनवाज, तनवीर अली, नौशाद खान, अरुण कश्यप, मनोज खन्ना, सुनील शर्मा, अमरीश कुमार, जहांगीर मलिक, सूचना विभाग हरिद्वार के चन्दर सिंह चौहान, मोहकम सिंह, बृजपाल, विनय कुमार, सतपाल, कृष्णपाल, समाजसेवी सुशील कुमार आदि मौजूद थे।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस-लोकतंत्र में स्वतंत्र पत्रकारिता का विशेष महत्व:पीएस चौहान