सिडकुल- कर्मचारियों की छंटनी से घरों में रोजी रोटी का संकट

हरिद्वार। एक और जहाँ देश मंदी की मार झेल रहा है वहीं दूसरी और टेलीकॉम कंपनियों से लेकर ऑटोमोबाइल कंपनियों के जबरदस्त घाटे की खबरें आ रही है लेकिन सरकार है कि देश में छा रही मंदी को देखकर भी अनदेखा कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार लोगों में क्रय शक्ति पिछले 45 सालों में सबसे कम आंकी गयी है। अभी कुछ दिनों पूर्व भी एक रिपोर्ट आई थी जिसमें भारत में पिछलव 45 सालों में बेरोजगारी सबसे अधिक आंकी गयी थी। इन सबके बीच मंदी की मार और घाटे में जाती कम्पनियों की मार अधिकतर गरीब मजदूरों पर पड़ रही है। हरिद्वार सिडकुल भी इससे अछूता नहीं रह गया है। सिडकुल में स्थापित कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में हैवल्स ने भी अपने कर्मचारियों की छंटनी करते हुए कई महिला कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब इन महिला कर्मचारियों के आगे रोजी रोटी की दिक्कत आ पड़ी है। हैवल्स में काम करने वाली रश्मि का कहना है कि वे हैवल्स मवन पिछले 7-8 वर्षों से काम कर रही थी लेकिन अब अचानक ही कम्पनी में काम न होने के कारण कुछ महिला कर्मचारियों की छंटनी कर दी है जिससे उनके आगे रोजी रोटी का संकट आ पड़ा है। रश्मि तो मात्र एक उदाहरण है जिस पर मंदी की मार पड़ गयी। ऐसी न जाने कितनी रश्मि है जो इस मंदी की मार को झेल रही है और सरकार देश में छा रही मंदी को देखकर भी अनदेखा कर रही है। सिडकुल की कम्पनियों में मैन पॉवर सप्लाई करने वाले अशोक पांडेय ने बताया कि पहले जहां कंपनियों में 100 मैन पॉवर की आवश्यकता होती थी वहां अब वह आवश्यकता 10 की भी नहीं रह गयी है। इसके उलट कम्पनियां और अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। जिससे गरीब मजदूर के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है।