मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारत के पहले हाईब्रिड शोधन संयत्र के लोकार्पण के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य तथा भारत की तरफ से सभी विदेेशी अतिथियों का स्वागत किया। राज्य सरकार के प्रयास से यंत्र स्थापित और संचालित होने की यहां तक की यात्रा को सफल बताते हुए मुख्यमंत्री ने विभागों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से मा. प्रधानमंत्री ने गंगा स्वच्छता एवं राष्ट्रीय जल संसाधनों के सुदृढीकरण के लिए ठोस कदम उठाये हैं। उसी कड़ी में सिंगल यूज प्लास्टिक का बैन होना भी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को बढ़ायेगा।
श्री रावत ने कहा कि शोधित जल सिंचाई के लिए किसानो को मिलेगा जिससे रासायनिक पदार्थाे की आवश्यकता कृषको को नहीं होगी। यह जल सिंचाई के साथ-साथ फसल को जैविक खाद्य की तरह पोषित करेगा।
उन्होंने कहा कि गंगा को पूर्णतः स्वच्छ बनाना हमारा लक्ष्य है जिसमें सभी की संयुक्त सहभागिता की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को गंगा की स्वच्छता के लिए प्लास्टिक को त्यागना होगा। हम सब को मिलकर सोचना होगा कि आने वाली पीढ़ियों को हम कैसा भविष्य देकर जायेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, विधायक श्री सुरेश राठौर, श्री आदेश चौहान, मेयर श्रीमती अनिता शर्मा, श्री राजीव रंजन मिश्र डीजी नेशलन मिशन फोर क्लीन गंगा, भारतीय राजदूत श्रीमती मोनिका कपिल, स्वीडन के राजदूत श्री डॉ माजा फियास्ता, श्री क्लास मोलिन सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।