डीएसपी आतंकवादी दविंदर की गिरफ्तारी पर फर्जी राष्ट्रवादी अंधभक्त क्यों चुप है?

महावीर।


जम्मू में पकड़े गए डीएसपी दविंदर सिंह का आतंकवादियों से क्या संबंध है? यह देश की सुरक्षा के साथ गदारी है लेकिन क्या दविदंर सिंह अकेला ही  ऐसा है? या इसके पीछे कोई बहुत बडा गिरोह है। निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि इसके पीछे कोई बहुत बडा मगरमच्छ छुपा हुआ है। जो इस देश के साथ अपने राजनीतिक लाभ के लिए गदारी कर रहा है। दविदंर सिंह को जम्मू कश्मीर पुलिस की लोकल इंटेलीजेंस ब्यूरो ने पकड़ा है और भारत सरकार की आईबी, रॉ और सीआईडी जैसी खुफिया एजेंसियों को इस बात की भनक तक नहीं लगी। यह बडी आश्चर्य की बात है।दविदंर सिंह का अफजल गुरु ने 2001में लिखे गए अपने पत्र में जिक्र किया था! और पुलवामा हमले के समय पर भी दविदंर सिंह की तैनाती पुलवामा के पास ही थी। 2018 मे भाजपा और महबूबा मुफ्ती की साझा सरकार इस दविदंर सिंह को बहादुरी के मेंडल से सम्मानित करती है।
 इतना बडा आश्चर्य देश के सामने आता है  और गोदी मीडिया के दलाल और चाटुकार पत्रकार सुधीर चौधरी, अर्णव गोस्वामी, अमीश देवगुन, इस पर कोई डिबेट तक नहीं करते। ना जी,न्यूज, ना R भारत, और ना इडिया टीवी, और ना रिलायंस ग्रूप का TV 18,  और ना ही भाजपा का आई टी सैल इस घटना को लेकर कोई मुहिम चलाता है। जबकि भाजपा का आई टी सैल विरोधी पक्ष के द्वारा जरा सी घटना होने पर ही बवाल मचाना शुरू कर देता है। तो फिर इतनी बडी घटना घटने के बाद भाजपा आई टी सैल , और उसके फर्जी राष्ट्रवादीअंधभक्त अब तक क्यों चुप हो रखे हैं?
 क्या इसके पीछे कोई  बहुत बडा षडयंत्र है?  हो सकता है ? कंधार विमान अपहरण कांड में इसी भाजपा सरकार ने ही आतंकवादियों को रिहा किया था और देश की जनता को यह बात भी अच्छी तरह से याद होनी चाहिए कि अभी दो साल पहले ही मध्यप्रदेश में भाजपा आई टी सैल का प्रदेश अध्यक्ष पाकिस्तान की आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में पकडा जा चुका है। मध्यप्रदेश में करीब 15 से 16 लोग इस आरोप में सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा दो साल पहले पकडे जा चुके हैं।


2016 मे पठानकोट एयर बेस पर हमला होने के बाद इसी मोदी भाजपा सरकार ने ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई को पठानकोट हमले की जांच के लिए भारत बुलाया था। ऐसा 70 सालों में पहली बार हुआ था। यह देश के साथ गदारी थी। जो पाकिस्तान की आईएसआई हमारे देश के खिलाफ आतंकवादी हमले करने के लिए  षडयंत्र रचती हो और मोदी भाजपा सरकार उसी आईएसआई को जाँच के लिए भारत की धरती पर बुलाती है? क्या दविदंर सिंह कोई बहुत बडे मगरमच्छ का मोहरा है? केंद्र सरकार को अब बताना चाहिये कि दविदंर सिंह का पुलवामा हमले के साथ क्या कनेक्शन था? इसके साथ साथ केंद्र की मोदी सरकार को ये भी बताना चाहिये कि दविदंर सिंह का पठानकोट, उडी, संसद हमले के साथ क्या कनेक्शन था? गोदी मीडिया के इन दलाल और चाटुकार पत्रकारों और चैनलों का आतंकवादियों के साथ क्या कनेक्शन है? भाजपा आई टी सैल का आतंकवादियों के साथ क्या कनेक्शन है? यह देश भाजपा की मोदी सरकार से सवाल कर रहा है? वो  कौन सा मगरमच्छ है? जो इस देश को गुमराह करके देश के साथ गदारी कर रहा है? कौन है वो गदार?