जम्मू। एलओसी पर पाकिस्तानी सैनिकों की बर्बरता कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। पाक सेना ने साल के दूसरे बैट हमले में एक पोर्टर का सिर काट डाला। इससे पहले बैट हमले में एक जनवरी को ही 2 भारतीय सैनिकों को मार डाला गया था और उनके शवों के साथ बेअदबी की गई थी। एलओसी पर हाई अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि सूचनाएं कहती हैं कि पाक कमांडों ऐसे और बैट हमलों को अंजाम दे सकते हैं।कल पुंछ के गुलपुर में हुए बैट हमले में सेना के दो पोर्टरों - मुहम्मद असलम तथा मुहम्मद अल्ताफ - की मौत हो गई थी जबकि तीन अन्य पोर्टरों और 3 सैनिकों समेत 6 गंभीर रूप से जमी हो गए थे। एलओसी पर यह इस साल का दूसरा हमला था जिसमें पाक कमांडो एक पोर्टर का सिर ही काट कर ले गए। ऐसा ही एक हमला नौशहरा एक जनवरी को भी हुआ था जिसमें 2 जवान शहीद हो गए और उनके शवों के साथ बेअदबी की गई। बार्डर रेडर्स के नाम से जाने जाने वाले यह कमांडों पाकिस्तान के विशेष बलों के कर्मियों और आतंकियों का एक मिलाजुला स्वरुप है। पिछले कुछ सालों में पाक बार्डर रेडर्स भारत के कई सैनिकों की नृशंस हत्या कर चुका है। कईयो के वह सिर भी काट कर ले जा चुका है।एलओसी पर बार्डर रेडर्स के हमले कोई नए नहीं हैं। इन हमलों के पीछे का मकसद हमेशा ही भातीय सीमा चौकिओं पर कब्जा जमाना रहा है। पाक सेना की कोशिश कोई नई नहीं है। करगिल युद्ध की समाप्ति के बाद हार से बौखलाई पाक सेना ने बार्डर रेडर्स टीम का गठन कर एलओसी पर ऐसी बीसियों कमांडों कार्रवाईयां करके भारतीय सेना को जबरदस्त क्षति सहन करने को मजबूर किया है।
कौन है पाकिस्तान की खूनी टुकड़ी बैट
- बैट अर्थात बार्डर एक्शन टीम कह लिजिए या फिर बार्डर रेडर्स, एलओसी पर छापामार युद्ध में माहिर है। ये पाकिस्तान सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के साथ काम करती है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इसे सूचनाएं मुहैया करवाती है। बैट एलओसी या सीमा पर दुश्मन के इलाके में एक से तीन किमी अंदर जाकर हमले करती है। चार हफ्ते हवाई युद्ध के साथ ही इनकी कुल ट्रेनिंग करीब 8 महीनों की होती है। इस टीम का मकसद सीमा पार जाकर छोटे छोटे हमलों को अंजाम देकर दुश्मन में दहशत फैलाना है। हमलों के दौरान बैट इनाम के तौर पर दुश्मन के सिपाहियों का सिर काट कर अपने साथ ले जाती है।