हरिद्वार। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और जमीन से जुड़े नेता हरीश रावत ने आज जिले के गन्ना किसानों की हालात जाना। इसके लिये वे आज लक्सर क्षेत्र के शाहपुर गांव के गन्ना किसानों के खेतों में सीधे जा पहुंचे। जहां पर गन्ना छिल रही महिलाओं से बात करते हुये उन्होंने खुद गन्ना काटने वाली दरांती ली और उससे स्वयं गन्ने को काटा व छिला। किसान के खेत में ही उन्होंने गन्ना छिल रही महिलाओं व गन्ना किसानों की समस्याओं को ध्यान पूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि गन्ना ही किसान का भाई भी है, सगा साथी भी है, उसका सहारा भी है, किसान का सब कुछ है। उन्होंने खेत में उपस्थित गन्ना किसान के बारे में बताया कि उसकी 5 पर्ची ऐसी है जिसका अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जब किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं होगा तो किसान कहां से खड़ा होगा? इतना ही नही यदि किसान का खेत में खड़ा गन्ना नहीं कटा तो आगे की फसल का क्या होगा? उन्होंने कहा कि गन्ना चीख चीखकर राज्य और केंद्र सरकार से कह रहा है कि तत्काल सरकार को किसानों की समस्याओं की तरफ ध्यान देना चाहिये और इनका इतना तो भुगतान करना चाहिये जिससे इनका चक्र चलता रहे।अन्यथा ये कर्ज लेने जाएंगे और कर्ज का ब्याज इतना हो जाएगा जिसका ये भुगतान नहीं कर पाएंगे और अंत में इनसे वसूलियां की जाएंगी जिसके बाद इनके ट्रैक्टर, जमीन आदि चली जाएंगी जिससे तंग आकर किसान आत्महत्या की मजबूर हो जाएग। इसलिये सरकार को इन किसानों के लिये इतना तो कर देना चाहिये कि इनका जरूरत के हिसाब से भुगतान कर दिया जाये।
गन्ना किसानों की पीड़ा को जानने खेतों में पहुंचे हरीश रावत, कहा सरकार को तत्काल किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना होगा