विशाल सैनी(विशु)
हरिद्वार। हमेशा से गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर चर्चाओं में रहने वाली इकबाल शुगर मिल, इकबालपुर को कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अभी तक उक्त मिल को बन्द नहीं किया गया है। क्षेत्र के गन्ना किसानों ने उक्त मिल को जल्द से जल्द बन्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है की उक्त मिल में प्रदेश के मुखिया बराबरी के पार्टनर है इसलिये इस मिल का संचालन उनके संरक्षण या यूं कहें उनके सानिध्य में हो रहा है। इसी कारण अभी तक गन्ना मिल को बंद नहीं किया गया। स्थानीय गन्ना किसानों का तो ये भी आरोप है कि मिल में जो गन्ना आता है वो स्थानीय क्षेत्र से नहीं नहीं बल्कि सारा गन्ना प्रदेश के बाहर से आ रहा है जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। गन्ना किसानों का एक आरोप यह भी है कि मिल बिना किसी नियम के स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से बाहरी प्रदेशों से गन्ना खरीद रही है, जो गैर कानूनी है। इस पर तुरन्त स्थानीय प्रशासन व प्रदेश सरकार को रोक लगानी चाहिये साथ ही गन्ना किसानों का आरोप है कि सरकार ने मिल को फर्जी तरीके से सांठ गांठ कर 35 करोड़ रुपये का लोन दिया है। जबकि मिल के ऊपर गन्ना किसानों का पिछले 3 वर्षों का भुगतान ही 218 करोड़ रुपया है। स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है नागरिकों की सुरक्षा व कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इकबालपुर शुगर मिल को तुरन्त बन्द किया जाये अन्यथा यहां जिस प्रकार की व्यवस्था है उससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है।