पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ओलावृष्टि से हुए किसानों की फसलों के नुकसान का लिया जायजा, कहा मुख्य सचिव व जिलाधिकारी से राहत के लिये करूंगा बात

हरिद्वार। 26 फरवरी को जनपद हरिद्वार में हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिये आज उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लक्सर रोड पर ग्राम जगजीतपुर से आनेकी हेतमपुर होते हुए खानपुर तक लगभग 20 गांवों का दौरा किया। दौरे के दौरान उन्होंने ग्राम अजीतपुर के ग्राम प्रधान नरेंद्र कश्यप के खेतों के जायजा लिया जहां पर उनकी गेंहू की फसल ओलावृष्टि से पूरी तरह बर्बाद हो गयी। ग्राम चांदपुर में तस्लीम अहमद के खेतों में जाकर देखा तो सरसों की जो फसल 15-20 दिन में तैयार होने वाली थी ओलावृष्टि से वो फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी है। इस प्रकार अन्य गांवों में भी यही हाल दिखा। एक अन्य गांव में लीची की फसल जो आगामी 2-3 महीनों में पूरी तैयार से हो जाती उस पर आया बोर पूरी तरह नष्ट हो गया साथ ही लीची के पेड़ की टहनियां भी अपनी जिंदगी की आखिरी सांसे गिन रही है। एक अन्य गांव में भी आम का बाग भी पूरी तरह से नष्ट ही गया। आम के पेड़ पर आया बोर तो पूरी तरह से नष्ट हो ही गया उसके साथ साथ आम के पेड़ की टहनियां भी नष्ट हो गयी अब वो आम के पेड़ सही होने में 2-3 साल लग जाएंगे। दौरे के दौरान अपनी फसल की बर्बादी देख पूर्व मुख्यमंत्री के सामने किसान भाजपा सरकार से बुरी तरह हताश व निराश दिखे। किसानों का कहना था कि स्थानीय विधायक बस फ़ोटो खिंचवाने के लिये क्षेत्र का दौरा कर रहे है लेकिन किसानों की मुआवजा नहीं दिलवा रहे हैं। किसानों का कहना था कि उनकी फसल में अब तक 5 से 10 हजार रूपये बीघा का तक खर्चा आ गया है और कुछ किसानों ने फसल के लिये ब्याज पर भी वैसा उठाया हुआ है। लेकि ओलावृष्टि से सब बर्बाद हो गया। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने किसानों को सांत्वना देते हुए कहा कि वे इस बारे में जनपद के जिलाधिकारी व मुख्य सचिव से उनकी फसलों की हुई बर्बादी की भरपाई के लिये बात करेंगे। साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की की सरकार को ऐसी आपदा से किसानों को राहत देने के लिये नियमों का सरलीकरण करे। दौरे के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष कर्णवाल, सुशील राठी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष राव आफाक अली, अनुपमा रावत, धर्मेंद्र प्रधान आदि कांग्रेस नेता साथ थे।