हर्ष सैनी
हरिद्वार। स्टेट यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स, उत्तराखण्ड के हरिद्वार संयोजक मनोज सैनी ने कहा है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण समाचार पत्रों में काम कर रहे पत्रकारों और छोटे -मझौले समाचार पत्रों को भारी नुकसान हो रहा है। छोटे-मझौले समाचार पत्र पहले से ही केंद्र सरकार से विज्ञापन न मिलने के कारण आर्थिक संकट झेल रहे हैं। छोटे और मझौले समाचार पत्रों को केंद्र से विज्ञापन न मिलने के कारण अनेकों प्रकाशकों को उनका प्रकाशन बंद करना पड़ रहा है। छोटे- मझौले अखबारों में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन देने के लाले पड़े हुए हैं। जिससे उन कर्मचारियों के सामने भी रोजी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। कोरोना महामारी के प्रकोप से बचाव के उपायों की जानकारी देने में छोटे और मझौले समाचार पत्र भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। इस कारण केंद्र और राज्य सरकारें छोटे और मझौले समाचार पत्रों के साथ साथ पत्रकारों को भी आर्थिक पैकेज देने की घोषणा करें। जिससे वे देश व समाजहित में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में और अधिक जागरूकता पैदा करेंगे।