पढिये किसने जिलाधिकारी, हरिद्वार को पत्र लिखकर मांग की कि सरकारी राशन को भाजपा का राशन बनाये जाने पर रोक लगाई जाये

हरिद्वार। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने 3 मई तक लॉक डाउन-2 की घोषणा की थी। लॉक डाउन के चलते गरीबों और बेसहारा व्यक्तियों को भूखा न सोना पड़े इस लिये सरकार ने हर उस व्यक्ति के लिये राशन देने का दावा किया है जो इसका राशन का पात्र है। मगर हरिद्वार में इसका एक लग ही नजारा देखने को मिल रहा है जहां पर गरीबों को राशन वितरण सरकारी कर्मचारी न कर पार्टी विशेष के कार्यकर्ताओं द्वारा वितरित करने का दावा किया जा रहा है। राशन वितरण में भेदभाव बरतने के भी आरोप लग रहे हैं। विगत दिनों उत्तरी हरिद्वार में इसी भेदभाव के कारण बडा हंगामा होने के साथ साथ गाली गलौच व मारपीट की नौबत तक आ गयी। स्थानीय लोगों का कहना है कि राशन वितरण का कार्य चिन्हित सूची के अनुसार न होकर पार्टी विशेष के  कार्यकर्ता और पार्षद अपने समर्थकों को ही राशन वितरित कर रहे हैं। इसी घटना को लेकर जनपद के वरिष्ठ पत्रकार श्री रत्न मणि डोभाल जी द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से एक पत्र माननीय जिलाधिकारी महोदय को प्रेषित किया गया है जिसमें उन्होने कोरोना आपदा के समय में सरकारी राशन को भाजपा का राशन न बनाने की मांग की है। पत्र में रत्न मणि डोभाल जी ने लिखा है कि  कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जारी लॉक डाउन में आम गरीब लोगों को सरकार द्वारा तीन महीने का मुफ्त राशन दिया जा रहा है। पहले यह बताया गया था कि आपने मुफ्त राशन वितरण के लिए नगर निगम, लेखपाल व सरकारी सस्ते गल्ले के डीलर की कमेटी बनाई है, जिसको पात्र लोगों को सूचीबद्ध कर राशन वितरण करना था। लेकिन यह देखने में आ रहा है कि आप द्वारा बनाई गई व्यवस्था चल नहीं पाई है और सरकारी राशन पर भाजपा के लोगों ने कब्जा कर लिया है। भाजपा नेता तथा कुछ पार्षद अपने दफ्तर से सरकारी राशन का वितरण अपने वोटरों, समर्थकों को कर रहे हैं।
आपको ज्ञात हो गया होगा कि आज वार्ड नंबर 4 व 5 में सरकारी राशन वितरण में पक्षपात का आरोप लगाते हुए लोगों ने जबरदस्त हंगामा किया।इस दौरान  लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाई गई। शारीरिक दूरी का उल्लघंन किया गया। पार्षद चूंकि जनता का निर्वाचित प्रतिनिधि उससे सहयोग लिया जा सकता है लेकिन पार्षद के दफ्तर से सरकारी राशन किस नियम से बंटवाया गया समझ से परे की बात है। वार्ड नंबर 4 में तो मैंने ख़ुद देखा किस तरह से भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर मेज कुर्सी लगाकर बैठे थे। उनके पास ही उन लोगों की सूची भी थी जिन्हें राशन दी जानी थी । वह सरकारी सूची थी या भाजपा कार्यकर्ताओं की यह जांच का विषय हो सकता है। हालांकि वार्ड पार्षद भी वहां पर था लेकिन मोर्चा भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही संभाल रखा था। शारीरिक दूरी को मजाक बना कर रख दिया गया है और आपको इस अव्यवस्था की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।आपसे अनुरोध है कि सरकारी राशन वितरण की व्यवस्था पर पुनर्विचार किया जाए और सरकारी राशन का भाजपाई करण करने पर सख्ती के साथ रोक लगाई जाए।