राशन डीलर बने भाजपा नेता पर आपदा में भी खादय विभाग के अधिकारियों की मिलभगत से गरीबों का राशन डकारने का आरोप, अधिक मूल्य वसूलने के साथ करता है बदसलूकी

हरिद्वार।एक और जहां पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जो गरीबों की जेब पर डाका डालने से भी नहीं चूक रहे हैं। आपदा की इस घड़ी में कठिन दौर से गुजर रहे गरीबों के लिये सरकार ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर राशन भेजा था लेकिन कुछ राशन डीलर ऐसे भी हैं जो गरीबों के लिये आये राशन को डकारना चाह रहे हैं। ताजा मामला थाना बहादराबाद के ग्राम शांतरशाह का है जहां के ग्रामीणों ने राशन डीलर तेजप्रताप पुत्र तेजपाल पर आरोप लगाते हुए उपजिलाधिकारी रुड़की को एक शिकायती पत्र सौंपा जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राशन डीलर तेजप्रताप ने 3 माह का राशन सरकारी गोदाम से लाकर ग्राम शांतरशाह में वितरित करने शुरू किया जिसे लगभग 50 से 60 व्यक्तियों को ही बांटा गया है और उन्हें भी मानक से कम दिया गया है तथा उनसे भी मनमाने तरीके से धन वसूल कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि राशन डीलर द्वारा कई लोगों के राशन कार्ड फाड़ दिए गए हैं और कई के राशन कार्ड अपने पास रख लिये हैं। इतना ही नहीं वह ग्रामीणों को धमकी भी देता है है कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि वह खादय अधिकारी को रिश्वत भी देता है। ग्रामीणों का कहना है कि वह हर महीने राशन लेने आने वाले व्यक्तियों से भी गाली गलौच करता है। जिस कारण उसकी कई बार लोगों से मारपीट तक हो गयी है। ग्रामीणों की जब उक्त शिकायत उपजिलाधिकारी, रुड़की नमामि बंसल के पास पहुंची तो वह खुद जांच करने ग्राम शांतरशाह पहुंची और उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए राशन डीलर की दुकान सील कर दी। ग्रामीणों ने बताया कि तेजप्रताप भाजपा से जुड़ा हुआ नेता है और भाजपा का जनपद स्तर का पदाधिकारी भी रह चुका है। गांव में चर्चा है कि तेज प्रताप ने अपने देहरादून में बैठे आकाओं से दुकान को पुनः खुलवाने की गुहार लगाई जिस पर उनके आकाओं ने उपजिलाधिकारी  को उक्त दुकान की खोलने के आदेश दे दिये है। ग्रामीणों का यहाँ तक भी कहना हूं कि खाद्य अधिकारी ही उपजिलाधिकारी को गुमराह कर उक्त दुकान का राशन किसी अन्य डीलर से बंटवाने की बात कर तेजप्रताप से ही राशन बंटवा रहा है जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष उत्पन्न हो गया है। ग्रामीणों ने अब राशन डीलर और खाद्य  अधिआरियों की मिलीभगत को लेकर देहरादून में शासन में बैठे अधिकारियों से इस मामले की शिकायत करने का मन बना लिया है।