विभिन्न सामाजिक व मजदूर संगठनों ने मजदूर व किसान विरोधी केंद्र सरकार के खिलाफ फूंका बिगुल, शहीद भगत सिंह जयंती की पूर्व संध्या पर विचार गोष्ठी का आयोजन

अरुण सैनी


हरिद्वार। शहीद भगत सिंह के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हरिद्वार में विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं मजदूर यूनियनों द्वारा भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के उपरांत सेक्टर 4 में पीठ मार्केट में एक जुलूस निकालकर चौराहे पर किसान विरोधी और मजदूर विरोधी बिलों के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला आग के हवाले किया गया। सभा में इंकलाबी मजदूर केंद्र के हरिद्वार प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह का सपना था की पूरे देश में मजदूर किसान का राज हो, कोई बेरोजगार ना हो, मनुष्य द्वारा मनुष्य का शोषण ना हो और किसी राष्ट्र द्वारा किसी दूसरे राष्ट्र का शोषण ना हो। केंद्र की मोदी सरकार देश के टाटा बिरला अंबानी अडानी के मुनाफे को बढ़ाने के लिए आज मजदूर वर्ग के ऊपर 44 कानूनों को हटाकर 4 श्रम कोड थोप रही है जिससे मजदूर वर्ग के हालात डेढ़ सौ साल पीछे हो जाएगी। मजदूर बंधुआ हो जाएंगे और अधिकार विहीन होकर काम करने को विवश होंगे हड़ताल का अधिकार कमजोर हो गया है। ट्रेड यूनियन अधिकार भी कमजोर हो चुका है ऐसे में मजदूर वर्ग के नेतृत्व में पूंजीवाद के स्थान पर समाजवाद को लाकर ही मजदूर वर्ग की मुक्ति हो सकती है। क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के संयोजक नासिर अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना किसी सवाल के तीन किसान विरोधी कृषि बिल पास किए हैं जिन के विरोध में पूरा देश का किसान सड़कों पर है और सरकार निर्ममता से आंदोलन का दमन कर रही है। भेल मजदूर ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष साथी राजकिशोर ने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक संपत्तियों का विनिवेशीकरण करके अंबानी अदानी को सौंप कर मजदूर वर्ग को सड़क पर ला रही है। कर्मचारी संघ सत्यम ऑटो मजदूर कंपोनेंट के साथी महिपाल ने कहा की कोरोना महामारी की आड़ में सरकार इसको अवसर में तब्दील कर किसान और मजदूरों के हक अधिकारों पर कैंची चला रही है जिससे देश के अंदर बेरोजगारी तबाही महंगाई भ्रष्टाचार चरम पर होगी। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की संयोजिका दीपा ने कहा कि जब से मोदी सरकार केंद्र में आई है तो इसने किसान महिला मजदूर आदिवासी अल्पसंख्यक आदिवासी दलितों सभी के खिलाफ काम किया है। छात्र नौजवानों के खिलाफ भी एक के बाद एक कानून लाई है हम सभी को एकजुट होकर इसका विरोध करना होगा। फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी के प्रचारक देवेंद्र ने कहा कि अब समय आ गया है देश में मजदूर किसान एकजुट होकर पूंजीवादी सरकारों के खिलाफ एकजुट होगा। देवभूमि श्रमिक संगठन हिंदुस्तान युनिलीवर के पदाधिकारी ने भी यही कहा कि आज एक बड़े मोर्चे की आवश्यकता है जिससे पूंजीपति वर्ग को पीछे धकेल कर मजदूर अपने अधिकार हासिल कर सकता है। एवरेस्ट इंडस्ट्रीज मजदूर यूनियन के सोमबीर ने कहा कि अब देश में मजदूर जाग रहा है किसान जाग रहा है अब मजदूर किसान विरोधी सरकारों को एक दिन उखाड़ना होगा। सभा के बाद सेक्टर 4 स्वर्ण जयंती पार्क पर किसान विरोधी और मजदूर विरोधी श्रम संहिताओ को पास करने के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला दहन किया गया। जिसमें सत्यवीर अरविंद कुमार कुलदीप विजय पूनम निशा मालती प्रियंका रंजना नित्यानंद चंद्रेश सचिन रिंकू सियाराम रविंद्र अरुण हीरो आदि शामिल रहे।