आखिरकार स्थानीय कॉलेज में कनिष्ठ सहायक पद पर साक्षात्कार के ड्रामें के बाद शिक्षा मंत्री के रिश्तेदार की नियुक्ति हो गयी, टीएसआर का जीरो टॉलरेंस के ढोल की खुल रही है पोल

हरिद्वार। कहते हैं कि ईमानदार होने का ढोल पीटने से कोई ईमानदार नहीं ही जाता। ईमानदार होने के लिये ईमानदार दिखना भी चाहिये। प्रदेश के मुखिया श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस का भले ही कितना ही ढोल पीट रहे हों लेकिन भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की वास्तविकता हकीकत से कोसों दूर है। प्रदेश में मंत्री से लेकर संतरी तक सब जगह भाई भतीजा वाद इस कदर फैल चुका है कि पात्र अभ्यर्थी को इंटरव्यू के नाम पर ठगा जा रहा है और यह सब हो रहा है मंत्रियों व अधिकारियों की सांठ गांठ के चलते। विपक्ष भी इस सांठ गांठ को देखकर अंधा, गूंगा व बहरा बना हुआ है। मामला एक स्थानीय इंटर कॉलेज से जुड़ा हुआ है जिसमें कनिष्ठ सहायक के पद के लिये 9 अक्टूबर 2020 को इंटरव्यू के नाम पर खेल रच गया जिसमें लगभग 25 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार लेने का ड्रामा रचा गया। जबकि उक्त पद के लिये पहले ही शिक्षा मंत्री के रिश्तेदार का चयन ही चुका था। प्राप्त जानकारी के अनुसार आर्य कन्या इंटर कॉलेज बहादराबाद, हरिद्वार में मार्च महीने में कनिष्ठ सहायक के लिये समाचार पत्र में विज्ञप्ति के प्रकाशन हुआ था लेकिन अचानक लॉक डाउन के चलते उसका पुनः प्रकाशन अगस्त माह में हुआ जिसके फलस्वरूप मुख्य शिक्षा अधिकारी की शह पर 9 अक्टूबर 2020 को स्कूल में स्कूल प्रधानचार्य, प्रबंधक, खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने लगभग 25 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू का ड्रामा किया। जबकि हमें पुष्ट सूत्रों से ज्ञात हो गया था कि उक्त पद के लिये शिक्षा मंत्री के रिश्तेदार का पहले ही चयन किया जा चुका है। साक्षात्कार लेना तो महज एक ड्रामा है। हमने उसी दिन उस खबर को प्रमुखता से अपने पोर्टल पर भी डाला था। अब उक्त पद पर शिक्षा मंत्री के रिश्तेदार की नियुक्ति होने से हमारी खबर की पुष्टि भी हो गयी है। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री मोदी जी और प्रदेश के मुखिया श्री रावत जी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का ढोल पीटते नजर आते हैं वही दूसरी और उनके मंत्री और संतरी उनके जीरो टॉलरेंस की पोल खुल आम खोल रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी सत्ताधारी मंत्रियों और नेताओं के संरक्षण के चलते जनपद में नियम कानून को ताक पर रखकर गैर कानूनी काम को करने से भी नहीं घबरा रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों से मिली  जानकारी के अनुसार किसान विद्यालय इंटर कॉलेज, लक्सर में कार्यरत एक सामान्य वर्ग की कर्मचारी का स्थानांतरण आर्य इंटर कॉलेज में अनुसूचित जाति के पद पर कर दिया गया है। ऐसे ही अनेकों उदाहरण देखने को मिल रहे है जब जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी ऐसे गैर कानूनी काम को करने से भी नहीं घबरा रहे हैं। जानकारी लगी है कि भविष्य में खेलडी, बहादराबाद, हरिद्वार में भी कनिष्ठ सहायक के पद पर एक नियुक्ति होनी है जिसमें पहले ही एक वरिष्ठ भाजपा नेता के रिश्तेदार का चयन किया जा चुका है।